-वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करेंगे।
2.
(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करे;
3.
अनु. 51 क (ज) के अनुसार नागरिकों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करना चाहिए।
4.
हमारे पवित्र संविधान के अनुच्छेद 51 क (एच) में नागरिकों का यह मूल कर्तव्य बताया गया है कि वे वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानव वाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करे।
5.
भारतीय संविधान में उल्लिखित नागरिकों के दस मूल कर्तव्यों में से एक कहता है कि भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करे।
6.
न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ शनिवार को यहां हिमाचल प्रदेश विधिक प्राधिकरण द्वारा सेवा संस्था, पब्लिक रिलेशन्स सोसायटी ऑफ इण्डिया के शिमला चैप्टर और भाषा एवं संस्कृति विभाग के सहयोग से ” वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना के विकास ” पर आयोजित जन संवाद की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे।